Home ब्रेकिंग न्यूज़ चंद्रबाबू के गढ़ में बोले मोदी- नामदारों के नतमस्तक हो गए नायडू

चंद्रबाबू के गढ़ में बोले मोदी- नामदारों के नतमस्तक हो गए नायडू

by vdarpan
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राष्ट्रीय / संयुक्त मोर्चा टीम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दक्षिण के तीन राज्यों के दौरे पर हैं. वह आंध्र प्रदेश के गुंटूर, तमिलनाडु के तिरुपुर और कर्नाटक के रायचूर में वे चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री का तिरुपुर दौरा इसलिए खास माना जा रहा है क्योंकि यह मैन्युफैक्चरिंग हब है और नोटबंदी के दौरान यहां नौकरी-पेशे पर काफी असर पड़ा था.

Highlights
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण भारत के तीन राज्यों के दौरे पर
आंध्र प्रदेश के गुंटूर, तमिलनाडु के तिरुपुर, कर्नाटक के रायचूर में पीएम मोदी की रैली
विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे पीएम

नजर न लगे, इसलिए लगाए काले गुब्बारेविरोध में टीडीपी ने काले गुब्बारे लगाए थे. इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि काले गुब्बारे इसलिए लगाए गए ताकि मुझे नजर न लगे.

8 बड़े प्रोजेक्ट्स में से 6 पर काम शुरूवाइजेग-चेन्न्ई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, तीन एयरपोर्ट्स का विस्तारीकरण, मेट्रो से जुड़े प्रोजेक्ट, नई राजधानी की कनेक्टिविटी से जुड़े प्रोजेक्ट, ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर के 8 बड़े प्रोजेक्ट्स में से 6 पर काम शुरू हो चुका है. मैं राज्यों की समस्याओं को समझता हूं, रीजनल एस्पिरेशन के प्रति पूरी तरह से समर्पित हूं क्योंकि मैंने भी लंबे समय तक मुख्यमंत्री के नाते समस्याओं का सामना किया है. इसलिए 2014 के बाद मैंने इस बात का विशेष ध्यान रखा कि बंटवारे के बाद आंध्र प्रदेश के हितों पर कोई आंच न आए.

10 हायर एजुकेशन के संस्थान शुरू हुएआंध्र प्रदेश के बंटवारे के समय जो आंध्र प्रदेश री-ऑर्गेनाइजेशन एक्ट-2014 बनाया गया था, उसके एक-एक बिंदू पर केंद्र सरकार काम कर रही है. इसी का परिणाम है, कि IIT तिरुपति, अनंतपुर की सेंट्रल यूनिवर्सिटी, विशाखापट्टनम का IIM, मंगलागिरी का एम्स, ऐसे 11 में से 10 हायर एजुकेशन के संस्थान शुरू हो चुके हैं.

टीडीपी ने यू-टर्न लियाहम पूरी ईमानदारी से इस पैकेज में किए गए कमिटमेंट को निभाने में लगे थे लेकिन इस पैकेज का सही इस्तेमाल कर पाने में नाकाम, राज्य का विकास कर पाने में नाकाम टीडीपी ने यू-टर्न ले लिया.

आंध्र के लिए स्पेशल असिस्टेंस पैकेज बनायासाल 2014 में कांग्रेस सरकार जाने के बाद, हमारी सरकार बनी थी. हमने आंध्र प्रदेश के लिए एक नया स्पेशल असिस्टेंस पैकेज बनाया. हमने ये भी ध्यान रखा कि राज्य को उतनी वित्तीय सहायता अवश्य मिले, जितनी उसे स्पेशल कैटेगरी स्टेटस मिलने पर प्राप्त होती. इस पैकेज को सितंबर 2016 में लागू किया गया था. इसके बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्वयं इस पैकेज को स्वीकार करते हुए वित्त मंत्री को धन्यवाद भी दिया था. विधानसभा में भी इस निर्णय की सराहना की गई थी.

नायडू जी ने समर्पण कर दिया-मोदीमैं आपको ये भी याद दिलाना चाहता हूं कि जब आंध्र प्रदेश का बंटवारा हुआ, तो केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी. वही कांग्रेस, जिसने इस बंटवारे में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लोगों का हित नहीं, अपना स्वार्थ देखा. आज उसी कांग्रेस के सामने नायडू जी ने समर्पण कर दिया है.

आंध्र के विकास में कोई कमी नहीं छोड़ीआज गुंटूर से, मैं झूठ के एक बहुत बड़े अभियान पर विराम लगाना चाहता हूं. केंद्र सरकार ने आंध्रप्रदेश के विकास के लिए बीते 55 महीने में कोई कमी नहीं छोड़ी है. हां, कमी रही है तो इतनी कि केंद्र से जो पैसा आया उसको यहां की सरकार ने आपको बताया नहीं, उस पैसे का सही इस्तेमाल नहीं किया.

कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ हैजब NTR की विरासत संभाल रहे नेता अपनी कमियों को छुपाने के लिए दूसरों पर आरोप लगाने की राजनीति करने लगे, तो समझ लेना चाहिए कि कहीं ना कहीं कुछ गड़बड़ है. जब कोई मुख्यमंत्री सच के बजाय लगातार असत्य ही बोले तो साफ है कि उसकी जमीन खिसक चुकी है, उन्हें ऐहसास हो गया है कि जनता का भरोसा उन पर से उठ चुका है.

अपनी मेहनत से, अपनी ईमानदारी से, वेल्थ क्रिएट करने का काम तो हमारे युवा, हमारी बेटियां, हमारे किसान, हमारे उद्यमी कर ही रहे हैं. हमें तो उन्हें पारदर्शी व्यवस्था देनी है, अवसरों की समानता देनी है. हमें सभी युवाओं को, सभी बेटे-बेटियों का ध्यान रखना है, सिर्फ अपने बेटे-बेटियों का नहीं.

चौकीदार से परेशान हैं मुख्यमंत्रीअमरावती से लेकर पोल्लावरम तक वो इसी चक्कर में तो हैं, वो तमाम तरीकों से वेल्थ ही तो क्रिएट कर रहे हैं, इसलिए चौकीदार से परेशान हैं. मैं उन्हें याद दिलाना दिलाना चाहता हूं, मोदी हो या फिर कोई और, हमारा दायित्व अपने लिए वेल्थ क्रिएशन का नहीं है, बल्कि देश की वेल्थ का, देश के साधनों-संसाधनों का सही इस्तेमाल हो, ये देखने का है.

वेल्थ क्रिएशन के लिए मेहनत कर रहे हैं CMमहामिलावट का ये क्लब ऐसे लोगों का क्लब है, जहां लगभग हर किसी पर गरीब को, देश को धोखा देने के आरोप में कानून का शिकंजा कस रहा है. मैं कहीं पर यहां के मुख्यमंत्री जी का एक स्टेटमेंट पढ़ रहा था, जहां उन्होंने बताया कि मोदी को वेल्थ क्रिएशन नहीं आती. उन्होंने ये भी दावा किया कि उन्हें वेल्थ क्रिएशन आती है और वो इसके लिए मेहनत भी कर रहे हैं.

आंध्र के लोगों को खर्चों का हिसाब देंमैंने सुना वो फिर दिल्ली आने की तैयारी कर रहे हैं. मेरा आग्रह होगा, कि दिल्ली आने से पहले, मुझे गालियां देने से पहले, आप आंध्र प्रदेश के लोगों को अपने खर्चों का हिसाब जरूर देकर आएं. आप देखेंगे कि आज महा-मिलावट के जिस क्लब में यहां के मुख्यमंत्री जी शामिल हुए हैं, उसका मकसद सिर्फ अपने स्वार्थ को, अपनी राजनीति के दीए को जलाए रखने का है.

टैक्सपेयर्स की पाई-पाई का हिसाब देंप्रधानमंत्री ने कहा कि यहां के मुख्यमंत्री को तकलीफ है कि आपका ये चौकीदार, मेरी सरकार उनसे हिसाब मांगती है. पहले उन्हें दिल्ली के गलियारों में हिसाब नहीं देना पड़ता था. अब मोदी उनसे कहता है कि आंध्र प्रदेश के विकास के लिए जो राशि दी गई, टैक्सपैयर्स का पैसा आपको दिया गया, उसकी पाई-पाई का हिसाब दीजिए.

चार सच्चाइयों से डरे मुख्यमंत्री- PMपहला सच- चुनाव में बुरी तरह हार का डर. दूसरा सच- अपने बेटे को राजनीति में स्थापित करने की कोशिश. तीसरा सच- अपनी वेल्थ का क्रिएशन. और चौथा सच- जो इस समय आपसे बात कर रहा है, आपका ये चौकीदार. इन चारों सच्चाइयों से वो डरे हुए हैं.

मुख्यमंत्री का सच सबको बताउंगाप्रधानमंत्री ने कहा कि अपने सिद्धांतों से ‘एन लोकेश’ के पिताजी इसलिए भटक गए हैं क्योंकि वो सच्चाई का सामना नहीं करना चाहते. मैं आज उनका सच आपको बताना चाहता हूं.

NTR पर क्या बीतती होगी-PMआज देखिए, जिस तेलगु देशम पार्टी के नेता को कांग्रेस मुक्त भारत की तरफ बढ़ना चाहिए था, नामदारों के घमंड को चूर-चूर करना था, वो आज उन्हीं नामदारों के नतमस्तक हो गए हैं. उस समय आंध्र प्रदेश का अपमान करने वाले दल को NTR ‘दुष्ट’ कहते थे. आज यहां के मुख्यमंत्री उसी दल के ‘दोस्त’ हो गए हैं. NTR आज जहां भी होंगे, ये देखकर उन पर क्या बीतती होगी

नामदारों की गोद में क्यों बैठे मुख्यमंत्रीये बात आपको समझ आ रही है, लेकिन उन जैसे सीनियर लीडर को क्यों नहीं आ रही? आखिर ऐसी क्या मजबूरी आ गई कि वो नामदारों की गोद में जा बैठे हैं? आखिर ऐसा क्या दबाव है जो वो अपनी पार्टी का ही इतिहास भूल गए. दिल्ली में जो नामदार परिवार है, उसके अहंकार ने हमेशा राज्यों के बड़े नेताओं का अपमान किया है. अपमान के उसी दौर में NTR ने आंध्र प्रदेश को कांग्रेस मुक्त करने का फैसला लिया था और तेलुगु देशम पार्टी का जन्म हुआ था.

NTR के सम्मान का क्या हुआ-पीएमआप ही बताइए, NTR की विरासत संभालने वाले ने उनके सपनों को साकार करने का वादा किया था या नहीं किया था? NTR के कदमों पर चलने का वादा किया था या नहीं किया था? क्या आज वो NTR को सम्मान दे रहे हैं.

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